25 अक्तूबर 2017

...... परिंदों को उड़ा देते हैं लोग :)

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खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !!

ये पंक्तियाँ मझे SMS में मिली, अच्छी लगी तो ब्लॉग पर आप सब से साँझा कर लीं !


-- संजय भास्कर

सभी साथियों को नमस्कार कई दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर कुछ दिनों से व्यस्ताएं बहुत बढ़ गई है इन्ही व्यस्ताओं के कारण ब्लॉग को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर जल्द सक्रिय हो जाऊंगा !

6 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

वाह्ह्ह....सुंदर पंक्तियाँ संजय जी।

Meena Bhardwaj ने कहा…

संजय जी बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ .., आपकी रचना‎ओं की प्रतीक्षा‎ रहेगी .

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब हैं पंक्तियाँ ... सच केवल सच ...

सदा ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति

Deepak Saini ने कहा…

दुनिया का यही रिवाज है
सुंदर पंक्तियाँ

शुभा ने कहा…

वाह!!सुंदर ।