06 फ़रवरी 2015

मेरी नजर से चला बिहारी ब्लॉगर बनने - संजय भास्कर

सलिल वर्मा जी नाम तो आप सभी जानते ही हो अरे भईया वही चला बिहारी ब्लॉगर बनने (  दोस्त लोग के जिद में आकर हमको ई ब्लॉग फ्लॉग के चक्कर में पड़ना पड़ा.बाकी अब जब ओखली में माथा ढुकाइए दिए हैं, त देखेंगे कि केतना मूसर पड़ता है हमरा मूड़ी पर  ) उनके मूड़ी का कोई पता नहीं कब बन जाये लिखने का सलिल वर्मा जी के लेखन की जितनी भी तारीफ की जाए कम है ....वह चाहे साँप और सीढ़ी पर लिखे या एकलव्य पर हमेशा ही उनका लिखा एक छाप छोड़ जाता है और मुझे तो हमेशा ही उनकी हर पोस्ट में कुछ अलग ही पढ़ने को मिलता है .......!!!
सलिल वर्मा जी का ब्लॉग करीब चार वर्षो से एक लम्बे समय से पढ़ रह हूँ उनके दिए कमेंट से तो हर कोई प्रभावित है सलिल वर्मा जी लिखने का अंदाज ही ऐसा है कि चाहे महीने बाद भी पोस्ट आती है पाठक को बेसब्री से इंतज़ार रहता है और पाठक खुद ही खिंचा चला आता है उनकी कलम शब्दों में जान दाल देती है और उनके जैसा कोई कलाकार ह्रदय ही उसमे जान डालकर जानदार शानदार बनाता है ऐसा शानदार लेखन है सलिल जी का उनके अपार स्नेह के कारण ही आज ये पोस्ट लिख पाया हूँ...!!
सलिल जी की लेखनी से मैं बहुत प्रभावित होता हूँ वो बहुत ही जिम्मेदारी से हर ब्लॉग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते है उनके बारे में लिखना शायद मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है....!!
और अंत में सलिल जी के ब्लॉग से पढ़िए गुलज़ार साहब की कुछ लाइनें दर्द के बारे में: -

 दर्द कुछ देर ही रहता है बहुत देर नहीं
जिस तरह शाख से तोड़े हुए इक पत्ते का रंग
माँद पड़ जाता है कुछ रोज़ अलग शाख़ से रहकर
शाख़ से टूट के ये दर्द जियेगा कब तक?
ख़त्म हो जाएगी जब इसकी रसद
टिमटिमाएगा ज़रा देर को बुझते बुझते
और फिर लम्बी सी इक साँस धुँए की लेकर
ख़त्म हो जाएगा, ये दर्द भी बुझ जाएगा
दर्द कुछ देर ही रहता है, बहुत देर नहीं !!

( C ) संजय भास्कर


33 टिप्‍पणियां:

  1. संजय जी
    आपने बड़े ही शानदार तरीके से सलिल वर्मा से परिचय कराया....... उनके बारे में जानकार अच्छा लगा...
    आपने भी काफी अच्छे से वर्णन किया.....
    धन्यवाद
    सफ़र हैं सुहाना
    www.safarhainsuhana.blogspot.in

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  2. सलिल जी का ब्लॉग नियमित पढते हैं । अच्छा लगा आपने उनका परिचय कराया ....
    शुभकामनाएं

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  3. कभी-कभी मैं सलिल जी का ब्लॉग पढता हूँ.......सही और सरल रूप में आपने परिचय कराया ....शुक्रिया!

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  4. सलिल जी काफी रोचक ढंग से लिखते हैं,सो पढ़ने की उत्सुकता बनी रहती है.

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  5. Salil ji ka parichay krvane k liye aabhari h..bahut he achche shabdo m aapne unke bare m jankari di aabhar...sath he Gulzar sahab ki likhi khoobsoorat panktiya bhi..

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  6. बेनामी2/07/2015

    सलिल जी के ब्लॉग के बारे में जान कर बहुत ही अच्छा लगा... धन्यवाद...

    मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.

    जवाब देंहटाएं
  7. बेनामी2/07/2015

    सलिल जी के ब्लॉग के बारे में जान कर बहुत ही अच्छा लगा... धन्यवाद...

    मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.

    जवाब देंहटाएं
  8. ये मेरे पसंदीदा ब्लॉग में से एक है... वो अपने ब्लॉग पर लिखते तो बेहतरीन हैं ही, और जब दूसरों के ब्लॉग पर कमेन्ट भी करें तो पूरी पोस्ट पढ़कर हमेशा सार्थक टिप्पणी करते हैं.... वैसे भी लिखने वालों को टिप्पणी नहीं चाहिए होती बस इतना कि कोई पूरी पोस्ट पढ़कर उसका अर्थ समझ पाये...
    एक अच्छे लेखक और पाठक....

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  9. संजय जी आपके द्वारा सलिल जी से परिचय हुआ | बहुत बहुत धन्यवाद ......
    शुभकामनाए ......

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  10. सलिल जो भी लिखते हैं, ब्लाग हो चाहे टिप्पणी,लोक शैली में हो चाहे साहित्यिक, पूरी मानसिक सजगता के साथ .यों भी कह सकते हैं आगे चलता है मस्तिष्क लेकिन हृदय को साथ ले कर .इसीलिए उनके लेखन में चारुता और प्रभावित करने की सामर्थ्य है.

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  11. भागिनेय संजय!
    अच्छे लेखन ने मुझे अच्छा पाठक बना दिया और फिर एक अच्छा अभिव्यक्तिकार. मेरी रचनाएँ साहित्य की किसी विधा में स्थान नहीं पा सकतीं, लेकिन अभिव्यक्ति के रूप में यदि कोई विधा हो तो वहाँ मेरे लेखन को अवश्य स्थान मिलना चाहिये. ब्लॉग जगत में आस-पास इतने लोगों की रचनाएँ, इतना समृद्ध साहित्य देखकर केवल वाह-वाह कर देना उनकी रचनाओं का सार्थक मूल्यांकन नहीं. इसलिये मैंने अच्छे लेखन को सराहना आरम्भ किया और इसी बहाने सीखता भी रहा कि साहित्य जो मुझसे कभी जुड़ नहीं सका, मेरे असफल प्रेम की तरह मेरे साथ मेरी आत्मा से जुड़ सके. इस चार साल के सफर मेंबहुत कुछ पढने को मिला और सीखने की यात्रा अभी भी जारी है.
    व्यस्तताओं ने लिखने पर रोक लगा रखी है, लेकिन पढ़ना तो मेरे लिये ऑक्सीजन समान है.
    भागिनेय संजय, मुझे यह सम्मान दिया, उसके लिये आभारी हूँ! जीते रहो.

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  12. सलिल जी के अनूठे लेख अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं ब्लॉग जगत में ... उनकी सहज स्पष्ट लेखन शैली उनको सबसे अलग ही खड़ा करती है ... वो समय निकाल कर लिखते रहें, हम पढ़ते रहें इससे ज्यादा और क्या चाहिए हमें ....
    एक बात और उनकी पारखी नज़र से कोई दूसरा नहीं है ... किसी को भी पढ़ कर जैसे पूरा आत्मसात करते हैं .. फिर तसल्ली से उसकी व्याख्या और प्रशंशा करते हैं जो अनूठा है ...
    सलिल जी की लम्बी उम्र की काना सहित ...

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  13. बहुत ही शानदार और पढ़ने योग्‍य आर्टिकल।

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  14. आपकी लेखनी से अलग-अलग प्रतिभाशाली ब्लॉगर मित्रों को जानना अच्छा लगता है। सुंदर अभिव्यक्ति।

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  15. सॉरी संजय, कुछ दिन से इतनी व्यस्त थी की आपकी पोस्ट पढ़ नहीं पायी !लेकिन आज फुरसत में हूँ :) ! सलिल जी मेरे आदरणीय गुरुभाई भाई है यही संक्षिप्त परिचय काफी है मेरे लिए लेकिन एक ब्लॉगर होने के नाते उनके बारे में कुछ कहूँ तो ब्लॉग जगत में उनकी टिप्पणियों ने ही मुझे आकर्षित कर दिया था और यही आकर्षण मुझे उनके ब्लॉग तक खिंच के ले गया ! उनका लिखा हम पाठकों के दिल पर इसलिए अमिट छाप छोड़ देता है कि वे खोपड़ी से कम दिल से jyada लिखते है इसलिए सबके दिलों तक सहज ही पहुँच जाता है ! आपने कहा वे कलाकार ह्रदय है सही कहा एक कलाकार ह्रदय ही ऐसा लिख, पढ़ सकता है, @जिम्मेदारी से हर ब्लॉग पोस्ट पढ़ते है, जिम्मेदारी से नहीं संजय ध्यान से प्रेम से पढ़ते है तभी सार्थक टिप्पणी करते है जो एक रचनाकार को प्रेरणादायी तो होता ही है अन्य पाठकों के लिए भी प्रेरक होती है जिम्मेदारी में बोझ है तनाव है लेकिन प्रेम बेशर्त होता है ! आपकी तरह मै भी उनके लेखन से प्रभावित हूँ ऐसा सहज सरल दिल को छू लेने वाला लेखन अस्तित्व का उपहार है जो सहज उनको मिला हुआ है !

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  16. सलिल जी से परिचय करने के लिए धन्यवाद! संजय भाई!
    धरती की गोद

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  17. संजय जी नमस्कार!
    आपका आभारी हूँ,स्नेहनिमंत्रण के लिए और सलिल जी से परिचय करवाने के लिए.आपके ब्लॉग के माध्यम से जो नया आयाम खुला है वह मेरे लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा,मार्ग प्रशस्त करने के लिए धन्यवाद!

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  18. संजय जी ,अच्छा लिखा है .सलिल जी जो भी लिखते हैं वह सहज और प्रभावशाली होता है .

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  19. परिचय करवाने के लिए धन्यवाद.
    खासकर एक नए ब्लॉगर .
    शुभकामनाये

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  20. सलिल जी से परिचित कराने के लिए आपका आभार संजय जी

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  21. संजय जी,साभार धन्यवाद
    सुंदर व रोचक चरित्र विवरण के लिये.

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  22. सलिल जी की सृजनधर्मिता मुझे सदैव प्रभावित करती है। ब्लाॅग जगत में वे अकेले लेखक हैं जिनकी रचनाओं को मैं एक से अधिक बार पढ़ता हूं।

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  23. बहुत सुन्दर परिचय कराया आपने सलिल वर्मा जी से...आभार

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  24. अक्सर यहाँ किसी न किसी ब्लॉगर को जानने, समझने और पढने को मिलता है. अच्छा लगा सलिल वर्मा जी के विषय में जानकर, आभार!

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  25. कुछ लोगों की अभिव्यक्ति दिल में घर करती है।
    सलिल जी उनमे से एक हैं।

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  26. सलिल जी से परिचय करानें के धन्यवाद।आप के ब्लाग पर आ कर काफी अच्छा लगा।

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  27. सलिल जी के ब्लॉग और लेखन से परिचित हूँ,उनके बारे में जानकारी प्रस्तुत करने के लिए बहुत बहुत बधाई....
    पधारिये@जा रहा है जिधर बेखबर आदमी

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  28. सलिल जी के ब्लॉग के बारे में जान कर बहुत ही अच्छा लगा ।
    आभार
    मेरे द्वारा क्लिक कुछ फोटोज् देखिये

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  29. सलिल जी के ब्लॉग के बारे में जान कर बहुत ही अच्छा लगा.

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  30. सलिल जी के ब्लॉग के बारे में जानकर बहुत ही अच्छा लगा !

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  31. मैं ब्लॉग की दुनिया में नवजात शिशु आप अग्रज के e sangat की सदस्य बनकर आभार व्यक्त करती हूँ। सलिल जी के बारे में जानकारी के लिए धन्यवाद !!

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  32. पुत्र की लेखनी से भाई का दोबारा परिचय पढ़ कर अभिभूत हूँ
    भाई के बारे में जितना जानती हूँ स्नेह और मान बढ़ता ही जाता है

    इस लिंक को 5 लिंक के साथ संग्रह कर रही हूँ

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  33. एक लेखक का अपने साथी लेखक के प्रति स्नेह और आदर भाव अनुभव कर बेहद अच्छा लगा .

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- संजय भास्कर