27 दिसंबर 2011

सांपला ब्लोगर मिलन ना भूलने वाले पल......संजय भास्कर

सांपला ब्लोगर मिलन ना भूलने वाले पल
साँपला ब्लोगेर मिलन के कुछ पल ऐसे थे जिन्हें शायद सभी कभी नहीं भूल पाएंगे
पूरे उत्साह के साथ  आखिर ढूंढते -ढूंढते हम भी पहुच ही गए साँपला आखिर ब्लॉगर मिलन में जाना था !

मुख्य द्वार
तारीख...24 दिसंबर 2011
स्थान...रेलवे रोड धर्मशाला, सांपला, हरियाणा
वक्त...दोपहर 12 से शाम 5 बजे
मेज़बान...राज भाटिया जी, अंतर सोहेल, सांपला सांस्कृतिक मंच के सदस्य


सभी खड़े होकर फोटो खिचवाते हुए
उपस्थिति...


राज भाटिया (पराया देश, छोटी छोटी बातें)
इंदु पुरी (उद्धवजी)
अंजु चौधरी (अपनों का साथ)
वंदना गुप्ता (जख्म…जो फूलों ने दिये, एक प्रयास)
खुशदीप सहगल (देशनामा, स्लॉग ओवर)
महफूज अली (लेखनी…, Glimpse of Soul)
यौगेन्द्र मौदगिल (हरियाणा एक्सप्रैस)
अलबेला खत्री (हास्य व्यंग्य, भजन वन्दन, मुक्तक दोहे)
संजय अनेजा (मो सम कौन कुटिल खल…?)
राजीव तनेजा (हँसते रहो, जरा हट के-लाफ्टर के फटके)
संजू तनेजा
जाट देवता (संदीप पवाँर) (जाट देवता का सफर)
संजय भास्कर (आदत…मुस्कुराने की)
कौशल मिश्रा (जय बाबा बनारस)
दीपक डुडेजा (दीपक बाबा की बक बक, मेरी नजर से…)
आशुतोष तिवारी (आशुतोष की कलम से)
मुकेश कुमार सिन्हा (मेरी कविताओं का संग्रह, जिन्दगी की राहें)
पद्मसिंह (पद्मावली)
सुशील गुप्ता (मेरे विचार मेरे ख्याल)
राकेश कुमार (मनसा वाचा कर्मणा)
सर्जना शर्मा (रसबतिया)
शाहनवाज़ (प्रेम रस)
अजय कुमार झा (झा जी कहिन)
कनिष्क कश्यप (ब्लॉग प्रहरी)
केवल राम (चलते-चलते, धर्म और दर्शन)




अंतर सोहेल, मैं ,केवल राम ,जाट देवता राजेश सहरावत जी गन्ने का आनद उठाते हुए


अंतर सोहेल ( मुझे शिकायत है, सांपला सांस्कृतिक मंच )
( जिन सज्जनों के नाम मुझसे छूट गए हो तो माफ़ी  )


  श्रीमती राकेश , सर्जना शर्मा ,केवल राम जी , श्री एवं श्रीमती राज़ भाटिया ,पीछे संजय भास्कर यानी मैं , वंदना गुप्ता जी एवं संजू तनेजा जी 

हिंदी ब्लॉगिंग का सबसे यादगार दिन

 पदम सिंह जी राज भाटिया जी के गले लगते हुए और इंदु बुआ जी

सर्जना शर्मा, वंदना गुप्ता,अलबेला खत्री, कुश्दीप जी 

सांपला ब्लोगर मीट ना भूलने वाले पल 

और सबसे अंत में अगले दिन का सभी का ग्रुप फोटो 


ज्यादा समय न होने कारन ज्यादा नहीं लिख पाया पर आप तस्वीरों को देखर ही अंदाजा लगा ले !
 विस्तृत सपला रिपोर्ट आप सभी जाट देवता ,खुशदीप सहगल जी, अजय झा जी के ब्लॉग पर पढ़ ही चुके है

ब्लॉगर स्नेह मिलन की :-
कुछ फोटोग्राफ्स  जाट देवता (संदीप पवाँर) कुछ अजय कुमार झा जी से साभार 


-- संजय भास्कर 

09 दिसंबर 2011

ये लो हम भी हुए दस हजारी.....संजय भास्कर

 आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार ............कुछ कार्यो में व्यस्त होने के कारण काफी दिनों से ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ - पर अब एक बढ़िया दिन और बढ़िया खबर के साथ आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ।

खबर ये है की हम भी हो गए है दस हजारी 
हमरे ब्लॉग पर टिप्पणियों का आंकड़ा दस हजार से ऊपर हो गया है

      कुल  प्रविष्टियाँ - 241
              कुल समर्थक सदस्य - 339
              कुल टिप्पणिया - 10116
              ब्लॉग शुरुवात- 03 सितम्बर 2009
              प्रथम कविता- "याद जताने के लिए नही होती": (03 सितम्बर 2009)
              प्रथम कविता पर टिप्पणियां- 9
              प्रथम टिपण्णी-       nidhitrivedi28 ने कहा…
                  That's true..."याद जताने नही होती"...    few But strong words.  
     लोकप्रिय कवितायेँ-
                           " अहसास "------ 16 मई 2011( 145 टिप्पणियां )
                           " खामोश तू रही "----------29 अप्रैल 2011 ( 160 टिप्पणियां )
                           " आशीर्वाद चाहिए आपका जिंदगी के लिए"-----------23 मार्च 2011(204 टिप्पणियां)
                           "लड़की कि दास्तान" -------------21 फरवरी 2011 (205 टिप्पणियां)
        सर्वाधिक टिप्पणियां------205(लड़की कि दास्तान - 21 फरवरी 2011)    
        दस हजारी  टिपण्णी-------- Sajan Aawara ने कहा…
                                             बहुत खूब लिखा है -कभी विदेश नहीं जाऊंगा आज फिर एक इलज़ाम हमारे सर आया ब्लॉग के तेंदुलकर को दसहजारी बनाया  दस हजार कमेन्ट के ढेर सारी बधाई आपको - जय हिंद जय भारत                                         11/17/2011(विदेश जाने कि इच्छा छोड़ दे भारतीय -( 07 नवम्बर 2011 )
आपके असीम प्यार एवं प्रोत्सन के लिए संजय भास्कर का दस हजारी सलाम,दस हजारी नमन!!!!!
आशा है ये आशीर्वाद सदा मुझपर कायम रहेगा!!!!
दस हजारी धन्यवाद !!!

ब्लॉग जगत के सभी साथियों का तहे दिल से शुक्रिया....!
 
-- संजय भास्कर.... :-)

07 नवंबर 2011

विदेश जाने की इच्छा छोड़ दे भारतीय........ संजय भास्कर


आज के समय में भारत का हर नागरिक विदेश जाने की इच्छा रखता है | जिससे भी पूछो वही यही कहेगा जो सुख विदेश में मिलता है वो भारत में कहाँ | भारत को छोड़कर विदेश जाएं की चाह में आज न जाने
कितने लोग इस ग़लतफहमी में है की विदेश जा कर ही बहुत सारा पैसा कमा सकेंगे विदेश जा कर ही नाम कमा सकेंगे , क्या इस सब चीजो की हमारे देश में कोई कमी है ? क्या भारत देश में रह कर नाम
नहीं कमाया जा सकता |
हमारे देश में भी सब सुख सुविधाए उपलब्ध है जो विदेशो में है , अगर पूरी लगन ,
मेहनत के साथ काम किया जाये तो यहाँ रह कर भी नाम  कमाया जा सकता है | विदेश  जाने वाले ये नहीं सोचते की भारतभूमि ऊनके बारे में क्या सोचेगी , भारत भूमि यही सोचेगी की जिन बच्चो का जन्म भारत भूमि पर हुआ वो उस भूमि को छोड़ कर जा रहे है | क्या बच्चो को अपनी भारतभूमि पर विश्वास नहीं था जो दोस्रो की जमीन पर पैर रखने जा रहे है |
भारत भूमि को छोड़कर विदेश जाने की लालसा दिन प्रतिदिन लोगो में बढती जा रही है | इसका कारण यह है 
विदेशी सभ्यता ने भारतीयों की सोचने समझने के तरीके को ही बदल दिया है , आज के समय में विदेश
जाने के लिए भारतीय नागरिक किसी भी हद तक जा सकता है भारत के नागरिको पर विदेशी माया का भूत इस कदर सवार हो चूका है , कि वो विदेश जाने के चक्कर में अपने घर बार ,जमीन आदि बेचकर जो पैसा इक्कठा करते है और उस पैसे को गलत हाथो में दे देते है , आज के दौर में लोग लाखो रूपये  ट्रेवल एजेंटो को सोप कर चले जाते है और या समझने लगने लगते है शायद विदेश जाएं के रास्ते खुल गये  | आज के समय में भारत में बहुत से ऐसे व्यक्ति और एजेंसिया है जो भोले- भाले लोगो को विदेश भेजने के नाम पर लाखो रूपये ऐठ लेते है |
    ट्रेवल एजेंट लोगो को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों  में फसा कर उनका घर उजाड़ देते है  आज तक ना जाने  कितनो  के साथ ऐसा धोखा हो चूका है पर हम लोग फिर भी  सबक नहीं सीखते  है भारतीयों ये समझ लेना चहिये की , जो सुख शांति पैसा रिश्ते नाते रीती रिवाज आपस का भाई चारा  भारत में मौजूद है | वह  विश्व के किसी कोने में नहीं है  भारतीयों में जो अपने पन की भावना है वो कहीं नहीं है ! परन्तु आज भारत देश को 
ऊँचे शिखर तक ले जाने के लिए हमे सच्ची लगन व्  इमानदारी से देश की सेवा करनी होगी |
......सभी भारतीयों  की अपने देश की शान के लिए  अपने जान तक न्योछावर कर देना  चाहिए |
इस बात को भारतीय अच्छी तरह से जान ले की विदेश में भारतीय पैसा तो कमा लेते है पर प्यार और अपनेपन की भावना को खो देते है |
.....इसीलिए भारतीय विदेश जाने की इच्छा न करे क्योकि जो प्यार और अपनेपन की भावना भारत देश 
में है और कहीं भी नहीं है ..............!

-- संजय भास्कर

25 अक्तूबर 2011

जन्मदिन मुबारक ..........संजय भास्कर

आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार ............घरेलु कार्यो में व्यस्त होने के कारण काफी दिनों से ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ . पर अब एक बढ़िया दिन और बढ़िया खबर के साथ आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ । 

 


आदरणीय गुरुजनों और मित्रों आज हमारी मासी जी यानि ब्लॉग जगत की चर्चित पॉडकास्टर आदरणीय अर्चना चावजी जी का जन्मदिन है !
इसी अवसर पर मासी जी के लिए एक छोटी सी भेंट कविता के रूप मे ---


ममतामयी मूरत हो तुम 
करुणामयी सूरत हो तुम 
आंचल में लिये 
हम सबके लिए असीम प्यार 
मुख पर रहती  है 
सदा मुस्कराहट 
दुःख की हमारे जीवन में 
नहीं आने देती आहट !


दिल से बरसते हैं ढेरो आशीर्वाद 
जो करते हमारा जीवन आबाद 
ना छ्ल कपट है मन में 
बस प्यार ही प्यार है जीवन में .! 
ना तुम करती हो भेदभाव  
हर किसी से है एक सा लगाब 
उज्ज्वल हसमुख हो तुम 
आपका स्नेह पाकर धन्य हुआ जीवन 


                              जन्मदिन मुबारक
**********************
मेरी ओर से मासी जी आपको जन्मदिन की और दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ! ये रोशनी का त्यौहार आप सब के लिये, इस बार एक फिर से नयी रोशनी लेकर आये, 
ब्लागजगत के सभी मित्रो को दीवाली की ढेरो शुभकामनायें
************************************************************************
-- संजय भास्कर

19 सितंबर 2011

आइये चले मेरे साथ छिंदवाड़ा स्थित श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय...... संजय भास्कर



इस बार मैंने अपने ननिहाल से जुडी कुछ यादों के बारे लिखा है !
छिंदवाड़ा जिले का सबसे पुराना जनजातीय संग्रहालय जब मैंने इसे पहली बार देखा तो देखता ही रह गया !
पहली बार मुझे 2006 में इसे देखने का मौका मिला .....उसके बाद से जब भी ननिहाल गया संग्रहालय देखने के कोई मौका नहीं मिला लेकिन आज भी संग्रहालय देखने का बहुत मन करता है पर अब समय ही नहीं निकाल पाते जल्दबाजी में गए जल्दबाजी में आ गये इतना समय ही नहीं मिलता की घूमने का मौका मिले हम यह सोच लेते है जितना समय है मामा मामी , भाई बहनों के साथ बिता ले क्योकि रोज रोज तो आया जाता नहीं है ! .... .......कई बार सोचा इन यादें के बारें में लिखू पर कभी लिखने का वक्त नहीं निकाल पाया पर अभी कुछ दिन पहले ही मैं अपने पर्स को चेक कर रहा था की अचानक पर्स की अन्दर की जेब से म्यूजियम प्रवेश का 2 रुपये का शुल्क वाला टिकेट मिला 2 सितम्बर 2006 जिसे मैंने पहली बार म्यूजियम देखने के लिए लिया था जिसे देख कर पुरानी याद तजा हो गई और मैंने उसी दिन उन यादों को लिख डाला !
जब मैं पहली बार संग्रहालय देखने गया था तो संग्रहालय के के कर्मचारी से संग्रहालय के बारे में काफी जानकारी मिली थी | उससे मुझे संग्रहालय के बारे में लिखने में बहुत मदद मिली ........!
छिंदवाड़ा स्थित जनजातीय संग्रहालय की शुरूआत 20 अप्रैल 1954 ई. में हुई थी। 1975 ई. में इस संग्रहालय को राज्य संग्रहालय का नाम दिया गया। लेकिन 8 सितम्बर 1997 ई. को इसका नाम बदल कर श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय रख दिया गया। श्री बादल भोई इस जिले के क्रांतिकारी जनजातीय नेता थे। उन्हीं के नाम पर इस संग्रहालय का नाम रखा गया। इस जनजातीय संग्रहालय को 15 अगस्त 2003 में सभी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए प्रतिदिन खुला रहता है। इस संग्रहालय में इस जिले में रहने वाले जनजातीय लोगों से जुड़े संरक्षित घरों के भण्डार और अनोखी वस्तुएं देखी जा सकती है। यहां आप घर, कपड़े ,आभूषण, शस्‍त्र, कृषि उपकरण, कला, संगीत, नृत्य, धार्मिक गतिविधियां आदि चीजें देख सकते हैं। इस संग्रहालय में जनजातीय समुदायों की परम्परा और पुरानी संस्कृति की झलकियां भी देखने को मिलती है। इस जिले में गोंड और बेगा प्रमुख जनजातियां है।




इस म्यूजियम में जिले की जनजातियों से सम्भंधित इक़ से इक़ अद्भुत चीजें हैं। इसमें घर, कपडे, जेवरात, हथियार, कृषि के साधन, कला, संगीत, नृत्य, त्यौहार, देवी-देवता, धार्मिक गतिविधियाँ, आयुर्वेदिक संग्रह जैसी वस्तुएं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है.
यह म्यूजियम जनजातीय संप्रदाय की उन्नत परम्पराओं और प्राचीन संस्कृति पर प्रकाश डालता है. जिले में गौंड और बैगदो प्रमुख जनजातियाँ थीं. इसमें उन लोगों के परिवार के रहने सहने के ढंग का भी वर्णन मिलता है. इसमें यह भी जानकारी मिलती है कि अगरियाजन्जाती के लोग किस तरह लोहे को मोदते थे. इन बातों को अगर इक़ लाइन में कहा जाए तो यह म्यूजियम जिले की जनजातीय के बारे में जानकारी जुटाने का सर्वथा उपयुक्त साधन है...........!
आप सभी भी जाकर देखें मुझे उम्मीद है आप सभी को संग्रहालय बहुत पसंद आएगा !
संग्रहालयके बारे में हमारे मित्र राम कृष्ण जी भी लिख चुके है जो छिंदवाड़ा के ही है!



-- संजय भास्कर

03 सितंबर 2011

जन्मदिन पर विशेष............संजय भास्कर



आदरणीय गुरुजनों और मित्रो 
  आज मेरा जन्मदिन है
मेरे जन्मदिन के मौके पर आप सभी अपना प्रेम और आशीर्वाद प्रदान करे
इस अवसर पर  एक छोटी सी कविता बहन पूजा
की ओर से ----


जन्मदिन की बधाईयाँ ढेर सारी हार्दिक बधाईयाँ
 देना चाहती हूँ 
 जो
जो कुछ अलग हो 
  कुछ खास हो
  कुछ जुदा हो
 और हमेशा आपके साथ हो
पर क्या ....!
 जो एक छोटी बहन 
अपने बड़े भाई को दे सके 
 कुछ मिलता ही नहीं 
 कोई नज्म नहीं
  कोई कविता नहीं
 कोई गिफ्ट नहीं
इसलिए
 सिर्फ और सिर्फ
बधाईयाँ
 ढेर सारी बधाईयाँ...........!

Happy Birthday 
********************

-- संजय  भास्कर 


23 अगस्त 2011

तेरी कमी का अहसास करके रोये..........संजय भास्कर


तेरी बातो को बार बार याद करके रोये 
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया 
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!


 आप सभी साथियों को मेरा नमस्कार कई दिनों के अवकाश के बाद आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ।
इसीलिए आज कुछ चंद लाइन पेश है ......उम्मीद है आपको पसंद आएगी !



 -- संजय भास्कर

04 अगस्त 2011

बार बार ये दिन आये जन्मदिन की बधाई......संजय भास्कर

Er. Parveen Bhaskar
उतरी हैं आंगन में,
किरणें सुनहरी
लेकर बधाई
जन्‍मदिन की
समेट लो इनको
खुशियों के संग  ....

फूलों से तुम खुश्‍बू
लेना जीवन 
के हर लम्‍हें
सुवासित हो जायें
बड़ो का आशीष मिले
जब स्‍नेह से
हम परिभाषित हो जायें ...

हर शब्‍द मेरे दिल की दुआ,
तुम्‍हारे लिये
बन के आज सौगात में
आये हैं
तुम्‍हारा हर स्‍वप्‍न पूरा हो
जो अधूरा हो वो
साकार हो जाये........................!

आज मेरे छोटे भाई प्रवीण भास्कर का जन्मदिन है मेरी ओर से भाई को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं  वो जिंदगी में हर मुकाम को प्राप्त करे और हर ऊँचाई को पाये मेरी यही कामना है 
मेरी शुभकामनाएँ उसके साथ है !

****** HAPPY BIRTHDAY TO YOU ******
         
-- संजय भास्कर 

26 जुलाई 2011

300 फोलोवर .....सभी ब्लोगेर साथियों का तहे दिल से शुक्रिया ......संजय भास्कर

मुझे  यह  बताते हुए बहुत ही ख़ुशी हो रही है. आज बलाग जगत में  मेरे समर्थको ( फोल्लोवेर्स ) की संख्या 300 हो गई है.....!
मैं आभार प्रकट करना चाहता हूँ ,  स्पर्श  ब्लॉग वाली लेखिका दीप्ति शर्मा  जी का , जिन्होंने  आदत...... मुस्कुराने  की ब्लॉग का तीनसौवांफोलोवर बनकर इस नाचीज़ को भी ब्लॉग जगत के विशिष्ठ ब्लोगर्स की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया ।
इसी पर चंद लाइन पेश करता हूँ उम्मीद है आपको पसंद आएगी 
 
एक एक करके हुये आज 304
कैसे कैसे जुड गये मुझसे मेरे यार
कैसे करूँ शुक्रिया कैसे करूँ आभार
आपके साथ ने दिया है मुझे प्यार
 
अपार
स्नेह ये बनाये रखना चाहे कितनी करूँ ढिठाई
क्योंकि मै हूं तुम सबका छोटा प्यारा भाई
मै ना आ पाऊँ कभी तो मन मे भेद ना रखना
मेरे ब्लोग को फिर भी अपने स्नेह से सिंचित करना
मजबूरियों को मेरी नज़र अन्दाज़ करना
बस अपने प्रेम की धारा बहाये रखना.......!
******************
..........शुक्रिया.......बहुत ......शुक्रिया........
साथ ही आप सभी पेश है मेरी तीनसौंवी फ़ॉलोअर  दीप्ति शर्मा  जी की एक सुंदर कविता 
*********************
*******     जख्मो पे मरहम लगाते रहे    *********
********************
अपने जख्मो पे मरहम लगाते रहे,
ढूंढ़ते रहे किसी को की कोई अपना हो,
और लोग हमें हर वक़्त आजमाते रहे,
अपनी खुशियों की परवाह नही की
लुटा दी हर ख़ुशी सब की ख़ुशी के लिए
हर रूठे को हम तो मनाते रहे ,
अपने जख्मो पे मरहम लगाते रहे|
कहा था सबने मुझे कुछ मिलेगा नही.
जानते थे फिर भी ना जाने क्यों?
हम किस्मत को खुद से छुपाते रहे ,
अपने अश्को को आँखों से बहाते रहे,
दिल मे किसी के सपने सजाते रहे,
अपने जख्मो पे मरहम लगाते रहे|
भटकते रहे जिन्दगी तलाशने को,
सोचा लम्हों का सहारा मिलेगा मुझे,
तमन्नाओ को अपना सहारा समझ ,
हम एहसासों से दामन छुडाते रहे ,
उलझी जिन्दगी को सुलझाते रहे,
अपने जख्मो पे मरहम लगाते रहे....!
 
....एक बार फिर से सभी ब्लोगेर साथियों  का तहे दिल से शुक्रिया........
--  संजय भास्कर --







 

19 जुलाई 2011

' नीम ' पेड़ एक गुण अनेक..........>>> संजय भास्कर


नीम के बारे बचपन से सुना था यह कई प्रकार के रोगों में काम आता है पर कुछ दिनों पहले जब मैं अस्वस्थ था तो नीम के बारे में बहुत सी जानकारियां मिली नीम के पत्तो का काफी उपयोग भी किया गया मेरे लिए | नीम हमारे भारतीय मूल कि प्रजाति है जो सबसे अधिक मूल्यवान है लेकिन आज कल कि पीढ़ी को इसके बारे में बहुत ही कम जानकारी  है |  नीम बहुत ही गुणकारी पेड़ है नीम की पत्तिया , छाल , नीम के फल सभी बहुत ही गुणकारी है | नीम की पत्तियों का धुँआ मच्छरों और कीड़े मकोडो को दूर भगाता है कुछ समय पहले तक इसका इस्तेमाल बड़े -बड़े गोदामो में नीम की पत्तियों का धुआं फैका जाता था जिसके कारण भंडारित अनाज में कीट पतंगे नहीं लगते थे , नीम के छाल से कई प्रकार के रसायन मिलते है जो चमड़ा रंगने  के काम आते है नीम का उपयोग तेल साबुन , दन्त मंजन बनाने में भी किया जाता  है | नीम के वृक्ष में अन्य पेड़ की अपेक्षा अधिक ओक्सिजन होती है | आदि काम में हमारे ऋषि मुनि भी कहा करते थे की नीम हवा को साफ़ करता है इसके हर भाग में औषधिक गुण  है इसी कारण हमारे बुजुर्ग सदियों से घरो के समीप नीम के पेड़ लगाते आये है |
आदि काल से इसका नाम उन देवताओ के साथ लिया जाता है जो रोगों और बीमारियों से हमारी रक्षा करते आये है सदियों से किसान अनाज को कीड़ो से बचाने  के लिए नीम का पत्तो का प्रयोग करता आया है |  गावो में चरम रोगों होने पर भी नीम की पत्तियों को उबाल कर नहाने की सलाह दी जाती है, पेट के कीड़ो और गठिया रोगों में भी नीम का तेल दवा के रूप में काम आता है | सदियों से हमारे पूर्वज नीम को घरेलु चिकित्सक के रूप में प्रयोग करते आये है  आयुर्वेद में नीम को " सर्वरोग निवारण " की संज्ञा दी गई है | और भी ऐसी बहुत सी बीमारियाँ है जिसमे नीम का उपयोग होता है  |


गाव देहात के लोगो पुराने समय से नीम के गुणों को जानते आये है परन्तु  आज नीम का उपयोग पूर्ण  रूप से नहीं हो रहा है गावो में अक्सर लोग नीम का दातुन के रूप में इस्तेमाल करता है जो मुह के कई रोगों से रक्षा करता है हम खुद भी जब भी गाव जाते है टूथब्रश का इस्तेमाल बहुत ही कम करते है दातुन का ही प्रयोग करते है
..............घर के आँगन में नीम के पेड़ को लेकर कितने ही सांस्कृतिक बिम्ब हमारे सामाजिक जीवन में उभरे है , हिंदी साहित्य तथा गीतों में भी नीम का खुलकर बखान हुआ है  साप के काटने पर भी नीम की पत्तियों खिलाने का प्रचलन भी देहातो में है नीम के अनेको गुण है  जिन लोगो ने इसे गंभीरता से जांचा परखा है उनका मानना है नीम अपने से दूसरी प्रजाति के पेड़ पौधों को भी सुरक्षा प्रदान करता है |
.........नीम में में विशेषताओं का खजाना  लबालब भरा पड़ा है जो सिर्फ अधिक फसलो से उत्पादन में हमारी मदद करता है बल्कि भयंकर बीमारियों के उपचार हेतु प्रयोग में लाया जता है |
नीम की महता को देखते हुए आज आवस्यकता इस बात की है की इस पेड़ को बहुमूल्य राष्ट्रीय  संपदा  घोषित किया जाए ............!
चित्र :- गूगल देवता से साभार 


-- संजय भास्कर

11 जुलाई 2011

अस्वस्थता के समय लिखी कुछ क्षणिकायें उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी.. .......संजय भास्कर

आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा ........सादर नमस्कार ............अस्वस्थता के कारण  काफी दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था पर अब  आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ । अस्वस्थता के कारण आराम करते समय हमेशा ही कुछ लाइन दिमाग में आती थी जिन्हें क्षणिका के रूप में पढवाता हूँ उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी.........!



(1.)  गजब


अनपढ़ विधायक
के साथ
गजब हो गया
पता चला वह एजुकेशन 
मिनिस्टर हो गया !


( 2.)  सफ़र


दोस्ती का सफ़र लम्बा हुआ
 तो क्या हुआ  ?
थोडा तुम चलो
थोडा हम चलेंगे
और फिर रिक्शा कर लेंगे !


( 3.)  कमाल


 21 वी सदी में देखो
लोकतंत्र का कमाल अब पढ़े लिखे भी
वोटिंग मशीन पर
लगाते है अंगूठे से निशान !


(4.)  अवार्ड 


आज कुछ अध्यापक
न स्कूल जाते है
और न कभी पढ़ते है
करके चापलूसी अधिकारियो कि
बेस्ट टीचर अवार्ड पाते है !


( 5.)  फिल्मे 


आजकल चल रही फिल्मे
कर रही है कमाल
जिन्हें देख शर्म भी खुद
शर्म से हो रही है लाल ..........!





-- संजय भास्कर




21 जून 2011

शहीद स्मारक ही दिलाते है शहीदों की याद..........संजय भास्कर

  आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा ..........सादर नमस्कार .........कई दिनों से कविताये लिखने के बाद सोचा आलेख लिखा जाये  लगभग कई  दिन के अवकाश के बाद  पुन: उपस्थित हूँ । आज सभी शहीद  की कुर्बानियों को भूलते जा रहे है लेकिन जब कभी भी किसी शहीद स्मारक को देखते है तो उसकी याद आती है इसी पर यह आलेख लिखा है आशा करता हूँ आप सभी को पसंद आएगा  ...! 
 शहीद स्मारक  ही दिलाते है शहीदों की याद

आज हम जिस आजाद भारत में सांस ले रहे हैं, वह शहीदों की कुर्बानियों का ही फल है। जिन स्थानों पर



देशभक्तों ने अपना लहू बहाया वहा पर अभी तक स्मारक नहीं बने। जो बने भी हैं, वे लुप्त होने के कगार पर हैं। 1857 के गदर से लेकर अगस्त क्रांति तक लगातार आंदोलन हुए। सभी आंदोलनों में आगरा जनपद के कई देशभक्तों ने जोरदारी से भाग लिया। इन रणबाकुरों ने जिन स्थानों को क्रांति का केंद्र बनाया, युवा पीढ़ी उनसे अनजान है।
वह नहीं जानती कि उनके आसपास में भी ऐसे स्थल हैं, जहा से आजादी की लड़ाई लड़ी गयी। नूरी दरवाजा, हींग की मंडी और मोती कटरा में सन् 1926 से 29 तक सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त, राजगुरु, सुखदेव आदि ने फैक्ट्री का संचसलन किया। जहा बम बनाए जाते थे। नूरी दरवाजे वाले कमरे जरूर सभी की निगाह में हैं। लेकिन अन्य कमरे कहां हैं, इसकी जानकारी लोगों को नहीं।
   सन् 1942 तो स्वाधीनता आंदोलन की अंतिम क्रांति थी। चमरौला रेलवे स्टेशन पर एक आंदोलन किसानों ने किया। जिसमें अंग्रेजों की गोलियों से उल्फत सिंह, साहब सिंह, खजान सिंह, सोरन सिंह आदि शहीद हो गए। 125 नागरिक घायल हुए थे। यहा एक स्मारक बना हुआ है, जो धीरे-धीरे ध्वस्त होता जा रहा है।
इस घटना के बारे में स्थानीय लोग भी अनजान बने हुए हैं। लेकिन शहीद स्मारक अवश्य सभी शहीदों की याद दिलाता है। जिसे विकसित और सुरक्षित रखने की जरूरत है।
चित्र :- गूगल से साभार


-- संजय भास्कर

10 जून 2011

हम भारतीय है भारतीय कहलायेगे ........ संजय भास्कर

 आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा ............सादर नमस्कार ............लगभग पंद्रह  दिन के अवकाश के बाद मैं आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ । और अपनी नई कविता पढवाता हूँ उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी ...! 




हम अपने देश में नई क्रांति लायेगे ,
हम भारतीय है भारतीय कहलायेंगे   |
हम भारत के चमन में
महक सदा खिलायेगे  |
देश सेवा कर देश को बड़ा बनायेगे 
भाई चारे की भावना पैदा कर 
हम सभी एक हो जायेगे |
अपने देश की सभ्यता है 
सबसे महान 
हम अपने देश पर तन मन धन लुटाएंगे 
अपने देश के लिए 
न्योछावर हो जायेंगे |
हम अपने देश में  नई क्रांति लायेगे ,
हम भारतीय है भारतीय कहलायेंगे  |
हम भारत देश के बच्चे है 
भारत की संतान कहलायेगे 
भारत देश की अखंडता के लिए 
अपना सर्वस्त्र लुटायेगे
हम अपने देश में  नई क्रांति लायेगे ,
 हम भारतीय है भारतीय कहलायेंगे...........!


 -- संजय भास्कर 

25 मई 2011

..........बदलते हालात........संजय भास्कर


कपडे हो गए छोटे 
     शर्म कहाँ रह गई आज !
गर्भ में कर देते है भ्रूण हत्या 
     ममता कहाँ रह गई आज  !
अनाज हो गया मिलावटी 
     तो स्वाद कहा रह गया आज !
फूल हो गए प्लास्टिक के 
      खुशबू कहाँ रह गई आज !
छात्रों के हाथ में हो गए मोबाइल 
      शिक्षा कहाँ रह गई आज !
इंसान हो गया लालची धन का 
      दया भावना कहाँ रह गई आज !
युवा वर्ग हो रहा है अशलीलता का शिकार 
     देश भक्ति भक्ति कहाँ गई आज  !

-- संजय भास्कर 

 

16 मई 2011

................अहसास.......संजय भास्कर


किसी के साथ होने का और किसी के साथ
नहीं होने का विश्वास कराता है अहसास

जब कभी हम टूट जाते हैं, तब
जिंदगी का अर्थ समझाता है अहसास

जब कभी लिखने की उमंग जगे
कल्पनाओं के दर्शन कराता है अहसास

जब ठुकरा देते हैं सब दुनिया वाले
तब निराशा से बचाता है अहसास

जब दर्द हावी होता है हम पर
जिंदगी का आइना दिखाता है अहसास

खुशी बनकर जिंदगी में मुस्कुराहट लाता है अहसास !

-- संजय भास्कर 


29 अप्रैल 2011

................खामोश रही तू.....संजय भास्कर


खामोश रही तू,
मैंने भी कुछ न कहा,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
सोचता हू मै अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
......न तूने कुछ कहा
......न मैंने कुछ कहा !

-- संजय भास्कर

20 अप्रैल 2011

सच है क्या जिंदगी का किसी को पता नहीं.......संजय भास्कर


सच है क्या जिंदगी का, किसी को पता नहीं |
कौन कर रहा है क्या, किसी को पता  नहीं  |
कोई कहता है सब है यहाँ राम, रहीम, ईसा, अल्लाह 
कोई कहता है झूठ है दुनिया में कोई खुदा नहीं |
करके सब काम बुरे उसी पर टाल देता है आदमी ,
कहता है ऊपर वाले की मर्जी मेरी कोई खता नहीं 
दुनिया बुरी भी है और अच्छी भी ये भी सभी को पता नहीं ,
कहने को तो देशभक्त है यारों  नेता सभी ,
लेकिन ' भास्कर ' की नजर में करता कोई वफा नहीं |
कोई थोडा तो कोई ज्यादा जिसे देखो बस लूट रहा है 
चाहे हो चपरासी बाबू या हो कोई दफ्तर बाबू पेट किसी का भरा नहीं ,
सच है क्या जिंदगी का , किसी को पता नहीं..........!


-- संजय भास्कर

12 अप्रैल 2011

जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं मलखान .......... संजय भास्कर






खुशियों से महके आपका संसार ,
जिंदगी हो हर पल ऐसे जैसे बागों में बहार
न आये कभी कोई गम जिंदगी में ,
यही दुआ भगवान से करते है 
हम बार - बार !
आपकी उम्र हो साल हजार 
उच्चाईयों  को छुते रहे आप
आपको मिले हर बड़ा सम्मान 
मेरा दोस्त लाखों में एक है " मलखान "
आपके जन्मदिन पर कुछ लिख दूं 
आपकी महफ़िल तारों  से सजा दूं 
भगवान करे हमारी उम्र भी आपको लग जाये 
आपकी ख़ुशी के लिए जिंदगी लूटा दो |
यह दिन तुम्हारे जीवन में बार -बार आए !

मेरी शुभ कामना हमेशा हमारे साथ रहे !   

आज मेरे दोस्त मलखान सिंह जी  का जन्मदिन है और दिल में ना जाने कितनी बाते हैं मगर शब्द कम पड़ रहे हैं
दोस्त  को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं अल्लाह उसे बहुत लम्बी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करे ,वो हमेशा ख़ुश रहे 
ईश्वर उसे  जीवन की हर राह पर खुशियाँ,उत्साह और उल्लास प्रदान करे...........मेरी यही कामना है !
ऍम सिंह को जन्मदिन की बधाई उसे ब्लॉग दुनाली  पर भी दे सकते है 

-- संजय भास्कर

08 अप्रैल 2011

दुआ जो हर दिल से निकली............संजय भास्कर


............दुआ जो हर दिल से निकली............

मैंने विवाह किया और आपने मुझे सर आँखों पर बिठाया . विवाह के अनमोल पलों को मैंने आपके साथ साँझा  किया .आपका भरपूर आशीर्वाद मुझे मिला आपके दिल से निकली दुआ ने मुझे अहसास करवाया की इस दुनिया में मैं अकेला नहीं हूँ मेरा एक बहुत बड़ा परिवार है जिसे में " ब्लॉग परिवार " की संज्ञा से अभिहित करूँगा . इस परिवार का सदस्य बनना अपने आप में गौरव की बात है और मैं  सौभाग्यशाली हूँ कि मैं इस परिवार का सदस्य हूँ .....आपका आशीष स्नेह और प्यार भरा आशीर्वाद जीवन में हमेशा प्रोत्साहन प्रदान करेगा .... आपकी टिप्पणियों दवारा मुझे जो आशीष मिला है यह अनवरत रूप से मिलता रहे यही कामना और प्रार्थना  है ..आप सबने आज तक मुझे प्रोत्साहित किया है और मेरा भी फर्ज बनता है कि आपके अमूल्य सुझाबों के लिए आपका धन्यवाद करूँ ...........आशा है आपको यह प्रयास पसंद आएगा !
मलखान ने कहा…
आपके जीवन में महकती बहार रहे खुशियों का आगमन लगातार रहे दुआ है हँसते रहो आप दोनों सदा आदत मुस्कुराने की.... बरक़रार रहे -मलखान सिंह 

  दर्शन कौर धनोए ने कहा…
नव जीवन में हमेशा आप दोनों के बहार रहे ! मेरी शुभ कामना आपस में आप दोनों का प्यार रहे !! बहुत सुंदर जोड़ी बनाई है बनाने वाले ने ! आप दोनों को शादी की बहुत -बहुत शुभ कामनाए ! 

 Chirag ने कहा… 
खुशियाँ ही खुशियाँ हो जीवन में , गम का नामोनिशान न हो , मोहब्बत की इस कश्ती में , आप हमेशा साथ साथ सफ़र करे  

 Mridula pradhan ने कहा…
परिपूर्ण रहें, परितृप्त रहें, प्रभु ऐसी कृपा दिखाना, इन दोनों के आंगन में, तुम नित अमृत बरसाना.......

तिलक राज कपूर ने कहा…
हो जिसमें भरा प्‍यार हर बूँद में बधाई का सागर वो तुमको मिले। समर्पण की चाहत हो हर फूल में बग़ीचा तेरे घर में ऐसा खिले।

 JHAROKHA ( पूनम  जी ) :- 
 अब तो आपके जीवन में नै भार होगी किसी की नारों में आपके लिए बेकरारी रहेगी प्रीती संग संजय की जिन्दगी में खुशियाँ बेसुमार होंगी और अब दोनों की आदत है जो मुस्कुराने की बरक़रार रहेगी सच्ची प्रीत की यही तो पहचान होगी.. 

 Sadhana Vaid ने कहा…
संजय जी ! हर्ष के इतने महत्वपूर्ण अवसर पर आप दोनों मेरी हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार कीजिये ! आप दोनों के जीवन में सुख और सम्रिद्ध्दी तथा प्रेम और अनुराग सदैव अक्क्षुण्ण बना रहे यही शुभकामना है ! सदा खुश रहिये और जीवन की इस यात्रा में सदैव साथ साथ हमकदम हो चलते रहिये यही आशीर्वाद है !

 Sandhya ने कहा…
बहुत बहुत बधाई और सुखी दाम्पत्य जीवन की हार्दिक शुभकामनायें...आप दोनों के जीवन का हर दिन खुशियों की नई सौगात लेकर आये...प्यार और विश्वास के साथ नया जीवन शुरु कीजिए और आदत मुस्कुराने की यूँ ही बनी रहे... हार्दिक शुभकामनायें...

 अजय कुमार झा ने कहा…
अमां भास्कर मियां , आपको बहुत बहुत मुबारक हो भाई ..अब आप उन वीरों की श्रेणी में आ गए हैं जिन्हें ब्लॉगरी का फ़्रंट और विद घराडी फ़्रंट दुनो एक साथ ही संभालना होता है 
मुबारकबाद और शुभकामनाएं

 राजकुमार सोनी ने कहा… संजय भाई,
सबने आपको खूब शुभकामनाएं दी है. मैं शुभकामनाओं के साथ-साथ एक बात आपके बारे में बताना चाहता हूं और वह यह कि आपकी जीवनसंगिनी सचमुच भाग्यशाली है.आप दोनों की जोड़ी भी बहुत अच्छी है.आप देखिएगा अब आपके जीवन में सब कुछ अच्छा चलने वाला है. ....खुश रहिए. आबाद रहिए  !

आकाश सिंह ने कहा…
आप दोनों की जोड़ी सलामत रहे यही मेरी शुभकामना है| और प्रिय संजय भास्कर जी आपसे यही गुजारिश है की शादी के आठो वचन को जरुर निभाएं| आठवां वचन मतलब आप समझ रहें हैं मै क्या कहना चाह रहा हूँ| मैं एक ही दुआ करूँगा की "सफल रहे यह जोड़ी जग में जबतक यह संसार रहे|"

 Kavita Prasad ने कहा…
हार्दिक शुभ-कामनायें संजयजी, भाभी जी और अन्य परिवारजनों को मुबारकबाद| आप दोनों कि जोड़ी बहुत सुन्दर है, कामना करती हूँ कि यह मुस्कान सदैव बनी रहे...

Wish you luck wish you joy,
May you have a baby boy,

When his hair starts to curl,
May you have a baby girl,

When she starts wearing pins,
May you have a pair of twins,

When your twins turn to four,
May you have a baby more,

And if you go on with this scheme,
You will have a Cricket Team.

So so so the world cup is ours!!!

मेरे विवाह पर समस्त ब्लॉग जगत ने मुझे ढेरों हार्दिक शुभकामनाएँ और आशीर्वाद प्रदान किया  
मैं आप सबका ह्रदय से आभारी हूँ , जो आपने मुझे प्रोत्साहित किया ...यूँ ही अपना मार्गदर्शन देते रहना ताकि और भी प्रगति कर पाऊं ......
आप सबका बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत धन्यवाद बस यही आशीष हमेशा मिलता रहे !
-- संजय भास्कर

23 मार्च 2011

आशीर्वाद चाहिए आपका जिन्दगी के लिए.....संजय भास्कर

हमारे जीवन में हमारे संस्कारों का बहुत महत्व है , विवाह भी एक संस्कार है जीवन की नैया को पार लगाने का . विवाह के बाद व्यक्ति पूरी तरह से सामाजिक हो जाता है . उसे समाज और देश की जिम्मेवारियों का निर्वाह करना होता  है .इसलिए आवश्यक है कि सबके साथ मिलकर जीवन को सुखद  बनाते हुए अपने लक्ष्यों कि तरफ बढ़ा जाए और उसके लिए आवश्यक है कि आप जिससे बड़ों का आशीष सिर पर बना रहे . अब जब मैं भी  विवाह के इस पवित्र बंधन में बंध गया हूँ तो आप सबका आशीष मुझे अपेक्षित है आज तक आपका प्यार मुझे मिला है उसका  जीवन में बहुत महत्व है आगे भी  आपके प्यार की जिन्दगी में बहुत आवश्यकता है  आशा है आप अपना भरपूर आशीर्वाद  प्रदान करेंगे.......

विवाह  के कुछ ख़ास पल आपके साथ साँझा कर रहा हूँ


 संजय संग प्रीती 



मेरा परिवार 
मेरे पिता जी और छोटे भाई 
अजय भास्कर & परवीन भास्कर 


मेरे पिता जी और हम दोनों 


"खुश खबर......मै तो सास बन गई.........एक और रिश्ता......आभासी.....नहीं...सच्ची..."

-----स्नेहाशीष --मासी की ओर से...पहले ही मिल चुकी है


-- संजय भास्कर

21 फ़रवरी 2011

लड़की की दास्तान............संजय भास्कर


लड़की होने पर दुनिया वाले क्यों मनाते है शोक
लड़की को बोझ क्यों समझते है लोग
हर काम में ये आगे है ये मर्दों से
कभी पीछे नहीं हटती अपने फर्जो से
इसके जन्म पर क्यों नहीं बांटता कोई भोग |
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एक पडोसी थे मेरे, न थी उनके कोई औलाद
हाथ जोड़कर ईश्वर से करते थे वो फ़रियाद
कर्म खुदा का उनके आँगन में खिली एक कली
मायूस होकर बोले कि हुई है एक लड़की
मैंने कहा अंकल कुछ खिला पिला तो जाते
कहने लगे लड़का होता तो जरूर खिलाते  |
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सुनते ही दिल मेरा तड़प उठा
ये क्या उल्टा रिवाज़ है दुनिया का
कभी देते है देवी या कन्या का नाम इसे
कभी पैदा होते ही करते है बदनाम इसे
चाहते हुए भी कुछ न कर सकी
दुखी ह्रदय  से कविता लिख डाली |
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मैं न किसी पर बोझ बनूंगी , जग में ऊँचा नाम करूंगी
फिर देखूँगी कौन करेगा लड़की होने पर मातम |
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अरे नादान लोगो , जरा समझ लो
न होगी लड़की तो समाप्त हो जायेगा जीवन
इसके जज्बात को न कोई समझा है
न कोई समझ सकेगा ..............!
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-- संजय कुमार भास्कर



14 फ़रवरी 2011

वेलेन्टाइन डे विशेष-वेलेंटाइन डे युवा वर्ग के लिए खास......संजय भास्कर



वेलेंटाइन डे पर युवा दिल अपने मन की बात एक-दूसरे को बताने के लिए बेकरार हो रहे हैं। 14 फरवरी को कोई गुलाब के फूल के साथ प्यार की पेशकश करेगा तो फिर कोई किसी अन्य बहाने से।
अगर पूछा जाए तो प्रेम पाश में फंसने की चाहत रखने वाले युवक युवतियों को शायद फरवरी ही सबसे अच्छा महीना लगता होगा। हो भी क्यों न, आखिर यह महीना सिर्फ वेलेंटाइन ही नहीं, बल्कि ऐसे ही कई दिवसों को अपने में समेटे हुए है जो युवा वर्ग के लिए खास हो सकते हैं।
फरवरी में दिवस मनाने की शुरूआत सात तारीख से ही हो जाती है जब 'रोज डे' [गुलाब दिवस] पड़ता है। इससे आगे 20 फरवरी तक दिवस आयोजन की भरमार होती है।
किसी को प्रपोज करने के लिए आठ फरवरी को 'प्रपोज डे' पड़ता है तो नौ फरवरी को चॉकलेट डे पड़ता है। 10 फरवरी जहां 'टेडी डे' कहलाती है, वहीं 11 फरवरी का दिन किसी से वायदा करने या किसी से वायदा कराने का दिन यानी कि 'प्रॉमिस डे' कहलाता है। दिवसों की यह सूची यहीं समाप्त नहीं हो जाती। अगर गूगल पर सर्च मार दें तो लिस्ट और भी लंबी होती चली जाती है।

वैलेंटाईन डे की हार्दिक शुभकामनायें


-- संजय कुमार भास्कर 

07 फ़रवरी 2011

वह मजदूर........संजय भास्कर !

वह मजदूर
जिसमे उत्त्साह था अदम
सह चूका था जो हर सितम
रक्त नलिकाए भी दौड़ रही थी उसकी
पूरी चुस्ती फुर्ती के साथ
जो इस खोखले समाज की राजनीति से
बहुत दूर |
कंधे पर फावड़ा लिए चला जा रहा था
अनजान  डगर पर निश्चित बेपनाह
चला जा रहा था इस समाज समुदाय की
गन्दी राजनीति से
बहुत दूर - वह मजदूर
राजनीति सीमित थी उसके लिए यही पर
नसीब था मात्र उसका - दो वक्त की रोटी
मिल जाये सुख चैन से ,
और चलता रहे किसी तरह से
परिवार का गुजर - बसर
ऐसा था ............ वह मजदूर !
चित्र :- ( गूगल से साभार  )
 

-- संजय कुमार भास्कर