06 अप्रैल 2010

हकदार नहीं इस सम्मान का

हकदार नहीं इस सम्मान का

दे दिया जितना तूने

पत्थर को जिंदा बतलाकर

बड़ा अहसान किया तूने

दोस्तों से सिर्फ पहचान मेरी

नहीं मुझे कोई आसमां छूने


---मलखान सिंह आमीन




(संजय जी द्वारा अपने ब्लॉग पर मेरा परिचय करवाने पर कुछ पंक्तियाँ मेरी तरफ से)